मुख्यमंत्री पद के अनुरूप नहीं सुखविंदर सिंह सुक्खू की भाषा, लगता है भारी दवाब में हैं सूबे के मुखिया – सुरेंद्र शौरी
कहा इतनी छोटी बात करने से मुख्यमंत्री ने गिराई अपने पद की साख, दिमाग और जुबान में समन्वय स्थापित करे मुख्यमंत्री ।
मुनीष कौंडल।
ऊना की एक जनसभा में मुख्यमंत्री सुक्खू द्धारा दिए बयान पर बंजार से विधायक सुरेंद्र शौरी ने मुख्यमंत्री को नसीहत देते हुए कहा कि प्रदेश के मुखिया अपने दिल और दिमाग को थोड़ा बड़ा करे। आगामी चुनावों में लगातार पिछड़ने से लगता है कि मुख्यमंत्री भारी दवाब में हैं जिस कारण वे अपने दिमाग और जुबान में समन्यव खो चुके हैं। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री पद की एक गरिमा होती है और इस पद पर बैठे व्यक्ति को हमेशा इसके अनुरूप ही व्यवहार करना चाहिए। मुख्यमंत्री लगातार बिना सोचे समझे जो मन में आ रहा है बयान दिए जा रहे हैं और भूल गए हैं की वे किस पद बैठे हैं। उनके बयानों में व्यावहारिकता की कमी है और जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं।उन्होने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू की कार्यप्रणाली और व्यवहार के कारण ही चालीस विधायकों वाली कांग्रेस पार्टी आज चौंतीस पर पहुंच गई है और भारी किरकिरी पूरे देश में उनकी हुई है । इस प्रकरण से मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू की क्षमता पर भी बड़ा प्रश्नचिह्न प्रदेश की जनता द्धारा लगाया जा रहा है। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार की लगातार गिर रही साख की खीझ मुख्यमंत्री के बयानों से झलक रही है। भुट्टो को कूटो जैसे बयान शांतिपूर्ण प्रदेश की परंपराओं के साथ मेल नहीं खाते और अराजकता को बढ़ावा देने वाले हैं। पूर्व विधायकों पर पैसे लेकर सरकार को अस्थिर करने की बात दूर्भाग्यपूर्ण है और सभी विधायक मुख्यमंत्री के खिलाफ अदालत जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू अपने अहंकार को छोड़ कर अपने बयानों पर सार्वजानिक तौर पर माफी मांगे अन्यथा इसके गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे।