तीर्थन घाटी से नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा 6वीं कक्षा में चार बच्चों की धमाकेदार एंट्री।

तीर्थन घाटी से नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा 6वीं कक्षा में चार बच्चों की धमाकेदार एंट्री।

गांव के बच्चों की मेहनत लाई रंग, सपनों को मिली उड़ान।

मेधावी छात्रों को 12वीं कक्षा तक रहने और खाने के साथ मिलती है मुफ्त शिक्षा।

ग्रामीण और परिजनों में खुशी का माहौल, बच्चों को दी शुभकामनाएं।
मुनीष कौंडल।

सफलता की सबसे बडी बात यह होती है कि, वो मेहनत करने वालों पर फिदा हो जाती है। जिला कुल्लू की तीर्थन घाटी के बच्चों द्वारा लगातार की जा रही मेहनत भी रंग ला रही है, जिसका परिणाम यह रहा कि यहां से हर साल अनेकों छात्र छात्राओं का चयन जवाहर नवोदय विद्यालय में हो रहा है। यहां के दूर दराज गावों में भी अब शिक्षा को लेकर लोगों में काफी जागरूकता देखने को मिल रही है। वर्तमान में तीर्थन घाटी से अनेकों विद्यार्थी कुल्लू स्थित नवोदय विद्यालय बंदरोल में अपनी अच्छी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

गौरतलब है कि जवाहर नवोदय विद्यालय समिति द्वारा हर वर्ष स्कूली बच्चों के लिए 6वीं और 9वीं कक्षा के लिए चयन प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाता है। इस सत्र 2023-24 के लिए नवोदय विद्यालय समिति द्वारा कक्षा 6 और 9 में प्रवेश के लिए ली गई परीक्षा का परिणाम 31 मार्च को जारी कर दिया गया है। इस बार भी तीर्थन घाटी के ग्रामीण क्षेत्रों से ताल्लुक रखने वाले 4 मेधावी विद्यार्थियों ने नवोदय विद्यालय में अपनी धमाकेदार एंट्री दर्ज करवाई है।

इस क्रम में तीर्थन घाटी की ग्राम पंचायत पेखड़ी के गांव रूपाजानी से खुशवंत सिंह पुत्र रूप लाल, ग्राम पंचायत कलवारी के गांव सेरी से सूर्यांश नेगी पुत्र हीरा लाल, गांव बुहारा से हर्षिता पुत्री प्रदीप और गांव सेरी से मुस्कान नेगी पुत्री तुले राम ने इस प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल करके कुल्लू स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय बंदरोल में छठवीं कक्षा मे प्रवेश पा लिया है। यह सभी विद्यार्थी ग्रामीण परिवेश में पले बढ़े साधारण गरीब परिवार से ताल्लुक रखते है। इनके माता पिता मेहनत मजदूरी का काम करते है। मेधावी विद्यार्थियों का एक अच्छे विद्यालय में चयन होने पर इनके परिजनों, सहपाठियों, शिक्षकों, रिश्तेदारों और ग्रामीणों सहित घाटी के लोगों में खुशी का माहौल बना है। स्थानीय लोगों ने इन बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए शुभकामनाएं दी है। इन छात्रों
की यह उपलब्धि पूरी घाटी के लिए गौरव का विषय है।

ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा देने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा जवाहर नवोदय विद्यालयों की स्थापना की गई है। ये आवासीय विद्यालय होते हैं जिसमें प्रवेश परीक्षा में सफल होने वाले मेधावी बच्चों को ही इन स्कूलों में प्रवेश मिलता है। चयनित बच्चों को 6वीं कक्षा से 12वीं तक मुफ्त शिक्षा मिलती है और हॉस्टल में रहने की सुविधा भी फ्री में मिलती है।
आज देश के सिविल सर्विसेज, आईआईटी, इंजीनियरिंग और उत्कृष्ट मेडिकल संस्थानो में यहां के छात्रों का दबदबा है। एक बेहतर सोच के साथ शुरू की गई यह योजना देश के लाखों गरीब छात्रों को लाभान्वित कर रही है।

जवाहर नवोदय विद्यालय में प्रवेश पाना गांव के बच्चों का सबसे बड़ा इम्तिहान होता है। इस विद्यालय में प्रवेश पाकर शिक्षा ग्रहण करना गरीब बच्चों के लिए बड़ा प्रतिष्ठित माना जाता रहा है। प्रवेश परीक्षा से पहले बच्चे इसके लिए जोरशोर से तैयारी करते है। कुछ बच्चे इसके लिए अलग से ट्यूशन क्लास या ऑनलाइन कोचिंग का सहारा भी लेते है। अध्यापक और अभिभावक अपने स्तर पर बच्चों की तैयारी कराते हैं ताकि नवोदय विद्यालय में प्रवेश मिल सके।

ग्राम पंचायत कलवारी की प्रघान प्रेम लता भारती ने कहा है कि इन बच्चों का नवोदय विद्यालय में चयन होने से गांव समाज में खुशी का माहौल है। इस विद्यालय में पढ़ाई करने से इन मेधावी छात्रों का भविष्य उज्ज्वल होगा और यह गरीब बच्चे गुणवतापूर्वक निशुल्क शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। इन्होंने कहा कि नवोदय विद्यालय में अच्छी शिक्षा ग्रहण करने के लिए छात्रों के परिजनों को भी आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा। इन्होंने चयनित बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।

इस प्रवेश परीक्षा में चयनित छात्रों ने अपनी सफलता का श्रेय अपने अध्यापकों और अभिभावकों को दिया है जिनके कुशल मार्गदर्शन से इस परीक्षा को पास किया है। उपरोक्त बच्चों में से खुशवंत सिंह राजकीय प्राथमिक विद्यालय गुशैनी तथा सूर्यांश नेगी, हर्षिता और मुस्कान राजकीय प्राथमिक विद्यालय कलवारी में अध्यनरत रहे है।

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